विकास की रफ्तार, हर तबके को मिले तरक्की की छांव  (दैनिक ट्रिब्यून)

विकास की रफ्तार, हर तबके को मिले तरक्की की छांव (दैनिक ट्रिब्यून)

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के उम्मीद भरे संकेत मिले हैं। कहना जल्दबाजी होगी कि देश कोरोना संकट से पहले की अवस्था में शीघ्र पहुंच जायेगा, ...
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 जवाबदेही का लोकतंत्र, जिम्मेदारी में निहित गणतंत्र की समृद्धि  (दैनिक ट्रिब्यून)

जवाबदेही का लोकतंत्र, जिम्मेदारी में निहित गणतंत्र की समृद्धि (दैनिक ट्रिब्यून)

निस्संदेह राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य आयोजन हमारी आर्थिक, सामरिक, वैज्ञानिक और सामाजिक तरक्की का जीवंत चित्र उकेरता है। यह पर्व जहा...
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 समतामूलक समाज की स्थापना का संकल्प   (दैनिक ट्रिब्यून)

समतामूलक समाज की स्थापना का संकल्प (दैनिक ट्रिब्यून)

ज्ञाानेन्द्र रावत समूचे विश्व में गांधीजी ही एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन पर सबसे ज्यादा लिखा गया है, आज भी लिखा और बोला जा रहा है। यही नहीं, उनक...
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 नये बजट में सरकार की चुनौतियां   (दैनिक ट्रिब्यून)

नये बजट में सरकार की चुनौतियां (दैनिक ट्रिब्यून)

जयंतीलाल भंडारी एक फरवरी, 2021 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले वर्ष 2021-22 के बजट के समक्ष सात बड़ी चुनौतियां ...
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महामारी से उपजे जख्मों पर मरहम लगाएं  (दैनिक ट्रिब्यून)

महामारी से उपजे जख्मों पर मरहम लगाएं (दैनिक ट्रिब्यून)

सुषमा रामचंद्रन स्वतंत्र भारत के इतिहास में आगामी बजट पहला ऐसा होगा जो वैश्विक महामारी की छाया के दौरान पेश किया जाएगा। यह बात सच नहीं है, क...
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 शांत होते गुस्से का फिर भड़कना (हिन्दुस्तान)

शांत होते गुस्से का फिर भड़कना (हिन्दुस्तान)

सी एस वर्मा, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी  सुलझती हुई गांठ एक नासमझी से किस कदर उलझ जाती है, गुरुवार देर शाम की घटना इसका ज्वलंत उदाहरण है। गणतंत...
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 सपनों की उड़ान भरने से पहले स्टार्टअप दें ध्यान   (बिजनेस स्टैंडर्ड)

सपनों की उड़ान भरने से पहले स्टार्टअप दें ध्यान (बिजनेस स्टैंडर्ड)

श्यामल मजूमदार  'हाइक' की स्थापना के महज चार साल बाद अगस्त 2016 में केविन भारती मित्तल सफल स्टार्टअप के यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो ...
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 नए साल में आर्थिक चुनौतियों का दायरा   (बिजनेस स्टैंडर्ड)

नए साल में आर्थिक चुनौतियों का दायरा (बिजनेस स्टैंडर्ड)

अजय शाह   महामारी के स्वास्थ्य पहलुओं से जुड़ी सुरंग के आखिर में अब रोशनी नजर आने लगी है। परंपरागत डेटा में कई मुश्किलें हैं लेकिन एक कायाकल...
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 इस आंदोलन का यह हश्र तय था  (हिन्दुस्तान)

इस आंदोलन का यह हश्र तय था (हिन्दुस्तान)

विभूति नारायण राय, पूर्व आईपीएस अधिकारी  मंगलवार, यानी 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जो कुछ हुआ, उसमें कुछ भी अप्रत्याशित नहीं था...
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 विकास के दावों के बीच गरीबी का दंश   (दैनिक ट्रिब्यून)

विकास के दावों के बीच गरीबी का दंश (दैनिक ट्रिब्यून)

लक्ष्मीकांता चावला भारत की स्वतंत्रता के बाद देश एकदम विभाजन की पीड़ा के साथ बेहद मुश्किल स्थिति में था। पहले दो दशक तो उसे संभालने-बसाने, रो...
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  आशंका को भांप जीवन रक्षा का अनुभव  (दैनिक ट्रिब्यून)

आशंका को भांप जीवन रक्षा का अनुभव (दैनिक ट्रिब्यून)

गुरबचन जगत आज मैं जम्मू-कश्मीर के अपने कार्यकाल के दौरान हुई घटनाओं को फिर से ताजा करना चाहूंगा, जब 1990 के दशक के आखिरी सालों में मेरी नियु...
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 दिल में उतरने के बाद दिल से उतरना  (दैनिक ट्रिब्यून)

दिल में उतरने के बाद दिल से उतरना (दैनिक ट्रिब्यून)

शमीम शर्मा 72वें गणतंत्र दिवस पर पूरा देश जब गा रहा था—बोलो मेरे संग जय हिन्द-जय हिन्द और तभी अचानक गुलामी पर विजय के प्रतीक लालकिले को पूरे...
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 राजकोषीय उत्तरदायित्व का राजनीतिक अर्थशास्त्र  (बिजनेस स्टैंडर्ड)

राजकोषीय उत्तरदायित्व का राजनीतिक अर्थशास्त्र (बिजनेस स्टैंडर्ड)

रथिन रॉय   लंबे समय से राजकोषीय विवेक के पक्षधर रहे अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) भी अब विस्तारप...
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 बैंकिंग : बीता कल, आज और आने वाला कल  (बिजनेस स्टैंडर्ड)

बैंकिंग : बीता कल, आज और आने वाला कल (बिजनेस स्टैंडर्ड)

तमाल बंद्योपाध्याय  वर्ष 2021 में आगे बढऩे से पहले हम पीछे मुड़कर यह देखते हैं कि इस शताब्दी के पहले दो दशक के दौरान भारत में बैंकिंग का विक...
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 कमजोर होता वैश्विक कद  (बिजनेस स्टैंडर्ड)

कमजोर होता वैश्विक कद (बिजनेस स्टैंडर्ड)

गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली टै्रक्टर रैली को लेकर उपजे उत्साह के दौरान इससे जुड़ी विडंबना पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ट्रैक्टर रैली ...
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 त्वरित टिप्पणी: इस अफसोसनाक अफसाने का अंजाम अभी बाकी है  (हिन्दुस्तान)

त्वरित टिप्पणी: इस अफसोसनाक अफसाने का अंजाम अभी बाकी है (हिन्दुस्तान)

शशि शेखर,नई दिल्ली                         टेलीविजन का छोटा परदा आज जिंदगी भर का दुख दे गया। सुबह से खबरिया चैनल दिल्ली की सड़कों पर उपद्रव क...
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 समता, स्वतंत्रता और न्याय पर परखें (हिन्दुस्तान)

समता, स्वतंत्रता और न्याय पर परखें (हिन्दुस्तान)

अशोक वाजपेयी, कवि एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी   डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सागर विश्वविद्यालय में दीक्षांत भाषण देने आए थे। वह आठ-दस दिनों बाद ह...
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 उजला आर्थिक परिदृश्य, राष्ट्रपति का लोकतंत्र की गरिमा पर बल  (दैनिक ट्रिब्यून)

उजला आर्थिक परिदृश्य, राष्ट्रपति का लोकतंत्र की गरिमा पर बल (दैनिक ट्रिब्यून)

राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण के साथ आखिरकार बजट सत्र की शुरुआत हो गई। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में लाल किले की घटना को दुखद बताते हुए कहा कि स...
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